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BP High Symptoms in Hindi | हाई बीपी के लक्षण


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भारत में बड़ी संख्या में हाई बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 2019-2021 के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के 17 लाख उत्तरदाताओं में से 28.1% को उच्च रक्तचाप है। यह एक बड़ी संख्या है और इसलिए सतर्क होने की जरूरत है। इसके खिलाफ सतर्क होने का सबसे पहला कदम है BP High symptoms in Hindi की जानकारी होना। अगर आप जानते हैं कि हाई बीपी के लक्षण क्या हैं तो आप समय पर इसका उपचार भी करा सकते हैं।

बीपी हाई होने पर व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है जिसमें सबसे प्रमुख है हार्ट अटैक और हृदय रोग। हाई बीपी होने की वजह से धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जिसकी वजह से हृदय तक रक्त और ऑक्सीजन की डिलीवरी कम या धीमी हो जाती है। इसकी वजह से हृदय में दर्द, सांस लेने में परेशानी के साथ साथ हार्ट अटैक आने की समस्या बढ़ जाती है।


उच्च रक्तचाप क्या है (Blood Pressure In Hindi)

उच्च रक्तचाप (High BP) जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, एक ऐसी समस्या है जिसमें आपकी धमनी की दीवारों पर रक्त का दबाव लगातार बहुत अधिक होता है। यह समय के साथ आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है जिसमें दिल का दौरा, स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता और यहां तक कि मनोभ्रंश भी हो सकता है। उच्च रक्तचाप कई कारणों से होता है जिसमें उम्र, जाति, फिजिकल एक्टिविटी कम होना आदि शामिल हैं।

आसान भाषा में भी समझ लीजिए। हमारा शरीर सुचारू रूप से कार्य करे इसके लिए जरूरी है कि खून का प्रवाह और मात्रा सही हो। अब बात आती है प्रेशर यानि दबाव की, जिसका अर्थ है कि रक्त प्रवाह हमारी arteries यानि धमनियों पर किस गति से दबाव डालता है। हमारी धमनियों पर रक्त का दबाव एक सामान्य स्तर तक ही सुरक्षित है, उसके पश्चात दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। जब यही दबाव एक निश्चित अंक से अधिक हो जाता है तो इसे हम हाई बीपी, हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहते हैं।


High BP Symptoms in Hindi (हाई बीपी के लक्षण क्या हैं)

उच्च रक्तचाप यानि High blood pressure के कई लक्षण हैं जैसे गंभीर सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द, चक्कर आना, बार बार पेशाब आना, अत्यधिक थकान, धुंधली दृष्टि, नकसीर (नाक से खून बहना), चिंतित या भ्रमित महसूस करना, आपकी छाती, कान, या गर्दन में तेज़ धड़कन, बालों का झड़ना आदि। आइए विस्तार से सभी High BP symptoms in Hindi को समझते हैं।


1. बालों का तेजी से झड़ना (Rapid hair fall)

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर तेजी से बाल झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है। खासतौर पर कई शोध इस तरफ इशारा करते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर होने की वजह से male pattern baldness की समस्या शुरू हो सकती है। इसके दरअसल दो कारण होते हैं। सबसे पहला कारण तो यह होता है कि संचार प्रणाली पर उच्च रक्तचाप का लगातार दबाव खोपड़ी में रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकता है।

जब खोपड़ी (सिर की त्वचा) तक रक्त का प्रवाह बेहतर नहीं होगा तो hair follicles तक ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व नहीं पहुंच सकेंगे जिससे वे कमजोर हो सकते हैं। इसकी वजह से तेजी से बाल झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है। इसके अलावा हाई बीपी के लिए सेवन की जाने वाली दवाएं भी बाल झड़ने में योगदान दे सकती हैं। अगर आप किन्हीं कारणों से बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको Free Hair Test देने की सलाह देते हैं। यह टेस्ट बाल झड़ने के 20 से भी अधिक कारणों की विश्लेषण करता है और आपके बाल झड़ने के सटीक कारण का पता लगाता है।


2. गंभीर सिरदर्द होना (Problem of severe headache)

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान लोगों को अक्सर गंभीर सिरदर्द का सामना भी करना पड़ता है। खासकर कि सुबह को सोकर उठने पर आपको तेज सिर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह उन्हीं लोगों में होता है जिनमें ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा हो जाता है यानी 180/120 mmHg से भी अधिक हो जाना। इस समस्या में सिर के सामने (ललाट) या पीछे (पश्चकपाल) में तेज दर्द महसूस किया जा सकता है।

परंतु ऐसा क्यों होता है? दरअसल जब आपका ब्लड प्रेशर तेज होता है तो इसका अर्थ है कि रक्त धमनियों पर तेज दबाव डाल रहा है। रक्त का तेज दबाव दिमाग की धमनियों को भी नुकसान पहुंचाता है और इससे दिमाग में सूजन हो सकती है। यह सूजन आपके दिमाग को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिसकी वजह से तेज दर्द की समस्या शुरू हो सकती है।


3. धुंधला दिखाई देना (Blurred vision)

High BP Symptoms में अगला प्रमुख लक्षण है धुंधला दिखाई देने का। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपके देखने की क्षमता प्रभावित होती है और आपको धुंधला दिखाई दे सकता है। दरअसल, जब आपका रक्तचाप लगातार उच्च रहता है, तो यह आपके पूरे शरीर की नाजुक रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिसमें आपकी आंखें भी शामिल हैं।

विशेष रूप से, रेटिना में छोटी रक्त वाहिकाएं, आपकी आंख के पीछे की प्रकाश-संवेदनशील परत, उच्च रक्तचाप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यह रेटिना में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन वितरण को प्रतिबंधित कर सकता है, जिससे धुंधला दिखाई देने की समस्या शुरू हो सकती है। इसके अलावा, लगातार उच्च रक्त का दबाव रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त कर सकता है जिससे इसमें से fluid leak हो सकता है और रेटीना के बाहरी आवरण पर फैल सकता है। इस वजह से भी धुंधला दिखाई देने की समस्या शुरू हो सकती है।


4. सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत होना (Having trouble breathing)

सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना भी हाई ब्लड प्रेशर का ही लक्षण है। जब रक्तचाप अत्यधिक उच्च स्तर (180/120 mmHg से ऊपर) तक बढ़ जाता है, तो इसे उच्च रक्तचाप की समस्या कहा जाता है। रक्त का इतना अधिक दबाव हृदय और फेफड़े पर भी तेज दबाव डालता है जिससे उनमें खिंचाव आ जाता है। इसकी वजह से हृदय को खून पंप करने में दिक्कत होने लगती है और फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो सकता है जिसे फुफ्फुसीय एडिमा कहते हैं। 

यह तरल पदार्थ सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप congestive heart failure की समस्या को भी जन्म देता है। इस समस्या में हृदय कमजोर हो जाता है और इसके कार्यों में बाधा पड़ जाती है। दोबारा से इसकी वजह से फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो सकता है जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। 


5. थकान और चक्कर आना (Fatigue And Dizziness)

थकान और चक्कर आने की समस्या होना भी उच्च रक्तचाप का एक लक्षण हो सकता है। अधिकतर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को थकान और चक्कर आने की समस्या से जूझना पड़ता है। इसके दो कारण होते हैं। पहला कारण यह है कि उच्च रक्त चाप की वजह से हृदय के कार्यों को प्रभावित करता है जिससे रक्त को पंप करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह कम रक्त प्रवाह आपके मस्तिष्क सहित आपके अंगों तक पहुंचने वाले ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को सीमित कर सकता है जिसकी वजह से चक्कर आ सकता है।

तत्पश्चात दूसरा कारण यह है कि जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह प्रतिबंधित हो जाता है, तो यह उसके ठीक से काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। यह चक्कर आना या धूमिल महसूस होने के रूप में प्रकट हो सकता है। अगर आपको ये High BP Symptoms दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


6. एनीमिया की समस्या होना (Anemia is also a symptom of high BP)

हाई बीपी होने का अगला लक्षण है एनीमिया। एनीमिया एक ऐसी समस्या है जिसमें आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आ जाती है। परंतु High BP Symptoms एनीमिया रोग कैसे हो सकता है? आइए समझते हैं। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप समय के साथ किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। स्वस्थ गुर्दे एरिथ्रोपोइटिन (ईपीओ) नामक एक हार्मोन का उत्पादन करते हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए अस्थि मज्जा को उत्तेजित करता है।

ऐसे में क्षतिग्रस्त गुर्दे पर्याप्त ईपीओ का उत्पादन नहीं कर सकते हैं, जिससे लाल रक्त कोशिका उत्पादन में कमी आ सकती है। इस स्थिति को दीर्घकालिक रोग एनीमिया कहा जाता है, जो एनीमिया का एक सामान्य प्रकार है। अक्सर उच्च रक्तचाप के साथ होने वाली सूजन भी लाल रक्त कोशिका उत्पादन में बाधा उत्पन्न कर सकती है जिससे एनीमिया की समस्या जन्म ले सकती है। एनीमिया एक प्रमुख high bp ke lakshan है।


7. नाक से खून बहना (Nose bleeding)

High BP की समस्या में नाक से खून बहना शुरू हो सकता है। हालांकि यह ध्यान रखने वाली बात है कि हाई बीपी से सीधे तौर पर नाक से खून बहने की समस्या नहीं शुरू होती है। उच्च रक्तचाप आम तौर पर सीधे तौर पर नाक से खून बहने का कारण नहीं बनता है, लेकिन यह नाक में रक्त वाहिकाओं को कमजोर कर सकता है, जिससे उनमें रक्तस्राव होने की संभावना बढ़ जाती है।

साथ ही, यह ध्यान रखें कि जिन व्यक्तियों का रक्तचाप काफी ज्यादा है उनके नाक से खून बहने की संभावना भी काफी ज्यादा रहती है। अगर व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा है और उसके नाक से खून बहने की समस्या शुरू हो जाती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके इलाज करने की जरूरत है। 


8. सीने में दर्द होना (Chest pain)

उच्च रक्तचाप की समस्या में सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द होने का। Angina यानि सीने में दर्द या बेचैनी की समस्या है जो हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण होता है। ऐसा तब हो सकता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियां प्लाक जमा होने के कारण संकुचित हो जाती हैं। जब आपका रक्तचाप उच्च होता है, तो हृदय को पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

रक्त की यह बढ़ी हुई मांग एनजाइना का कारण बन सकती है यदि संकुचित धमनियां हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति नहीं कर पाती हैं। ध्यान रखें कि सीने में दर्द होने की समस्या होना हार्ट अटैक का भी एक संकेत हो सकता है जिसे नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।


9. नींद न आना (Sleeplessness)

नींद न आना यानि sleeplessness की समस्या होना भी उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख लक्षण है। अगर कोई व्यक्ति हाई बीपी की समस्या से परेशान है तो नींद न आने की समस्या से वह परेशान हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उच्च रक्तचाप की शारीरिक परेशानी, जैसे सिरदर्द या तेज़ दिल की धड़कन नींद लाने में कठिनाई पैदा कर सकती है। इसकी वजह से रात में सोते समय बार बार उठने की समस्या शुरू हो सकती है।

उच्च रक्तचाप वाले लोगों में स्लीप एपनिया (sleep apnea) विकसित होने का खतरा अधिक होता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती और शुरू होती है। इससे नींद की गुणवत्ता में और बाधा आती है और उच्च रक्तचाप की स्थिति बिगड़ सकती है। 


10. पेशाब में खून आना (Blood in urine)

पेशाब में खून आने की समस्या भी हाई बीपी से परेशान लोगों में लक्षण है, हालांकि यह आमतौर पर दुर्लभ ही होता है। अगर कोई व्यक्ति कम समय से ही उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहा है और साथ ही उपचार भी जारी है तो पेशाब में खून आना दुर्लभ ही है। लेकिन अगर लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित हैं और साथ ही उपचार बेहतर नहीं तो पेशाब में खून आने की समस्या अवतरित हो सकती है।

दरअसल, लंबे समय तक उच्च रक्तचाप को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो यह किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। स्वस्थ गुर्दे फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं, लाल रक्त कोशिकाओं को अंदर रखते हुए आपके रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को हटाते हैं। ऐसे में अगर गुर्दा ही खराब हो जाए तो कुछ रक्त कोशिकाएं पेशाब में लीक हो सकती हैं। 


ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए (What should be the blood pressure)

ब्लड प्रेशर यानि रक्तचाप की एक सुरक्षित सीमा होती है। अगर एक निश्चित गति से अधिक तेज ब्लड प्रेशर है तो आपको ऊपर बताए गए सभी High Bp Symptoms In Hindi दिखाई देने लगेंगे। 

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, आदर्श रक्तचाप 120 मिलीमीटर पारा (एमएमएचजी) सिस्टोलिक से कम और 80 एमएमएचजी डायस्टोलिक से कम होना चाहिए। इसे 120/80 mmHg के रूप में लिखा जाता है। एसोसिएशन ने ब्लड प्रेशर को कुछ इस तरह वर्गीकृत किया है:

  • ‌सामान्य: 120/80 mmHg से कम
  • ‌ऊंचा: 120-129/80 mmHg से कम (बढ़े हुए जोखिम को दर्शाता है)
  • ‌चरण 1 उच्च रक्तचाप: 130-139/80-89 mmHg (जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता है और इसमें दवा शामिल हो सकती है)
  • स्टेज 2 उच्च रक्तचाप: 140/90 mmHg या इससे अधिक (दवा और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता है)
  • उच्च रक्तचाप संकट: 180/120 mmHg से अधिक (एक चिकित्सा आपातकाल, तत्काल देखभाल लें)

ब्लड प्रेशर कैसे मापा जाता है (How is blood pressure measured)

ब्लड प्रेशर को sphygmomanometer नाम के एक डिवाइस से मापा जाता है। इस डिवाइस के भी दो अलग अलग प्रकार होते हैं। पहला होता है Mercury sphygmomanometer जोकि दबाव मापने के लिए पारे के एक स्तंभ का उपयोग करता है। हालांकि इस डिवाइस से सम्बन्धित कई सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इसका इस्तेमाल अब धीरे धीरे काफी कम किया जा रहा है।

दूसरा तरीका होता है Electronic sphygmomanometer जोकि दबाव मापने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेंसर का उपयोग करता है और अक्सर अधिक सुविधाजनक और उपयोगकर्ता के अनुकूल अनुभव प्रदान करता है। इसका उपयोग हाल के सालों में तेजी से बढ़ा है और यह ज्यादा सटीक जानकारी भी देता है।


बीपी हाई क्यों होता है (Why does high BP occur)

आपने ऊपर विस्तार से जाना कि BP High Symptoms In Hindi क्या हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन कारणों से उच्च रक्तचाप की समस्या जन्म लेती है? आखिर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या शुरू हो क्यों होती है? आइए संक्षेप में समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है।

1. अस्वस्थ भोजन का सेवन करना (Eating unhealthy food)

हाई बीपी लक्षण या हाई बीपी की समस्या जन्म लेने का सबसे पहला और बड़ा कारण है अस्वस्थ भोजन का सेवन करना। अगर आप स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन नहीं करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और साथ ही अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले सकती हैं। खासतौर पर उच्च सोडियम (नमक) वाला आहार और आहार में फल, सब्जिया, साबुत अनाज की कमी उच्च रक्तचाप को जन्म दे सकती है।


2. कम शारीरिक गतिविधि (Lack of physical activity)

अगर आप रात दिन सिर्फ बैठकर या सोने में ही बीता देते हैं तो हाई बीपी लक्षण दिखाई देने शुरू हो सकते हैं। नियमित व्यायाम आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करता है। जो लोग बिल्कुल ही शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं उन्हें High blood pressure की समस्या होने का जोखिम कई गुना ज्यादा रहता है।


3. मोटापा या अत्यधिक वजन (Being overweight or obese)

मोटापा और अत्यधिक वजन की समस्या भी उच्च रक्तचाप की समस्या को जन्म दे सकता है। इसलिए आपने भी गौर किया होगा कि जो लोग मोटापे की समस्या से ग्रसित हैं या जो स्वस्थ वजन मेंटेन करके नहीं रखते, अक्सर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझते हैं। अतिरिक्त वजन आपके हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे उसे पूरे शरीर में रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।


4. मदिरापान और धूम्रपान करना (Smoking and tobacco use)

मदिरापान और धूम्रपान करने वाले लोगों में भी हाई बीपी की समस्या होने का जोखिम बना रहता है। अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो धूम्रपान या मदिरापान करता है। दरअसल धूम्रपान आपकी धमनियों की परत को नुकसान पहुंचाता है और आपकी हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे उच्च रक्तचाप हो सकता है। 


5. कुछ दवाएं (Certain medications)

कुछ दवाओं का सेवन करना भी हाई बीपी का कारण बन सकता है। कुछ दवाएँ, जैसे Birth Control Pills और कुछ दर्द निवारक गोलियां, आपके उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ा सकती हैं। अगर आपको लगता है कि कुछ दवाओं के सेवन से आपका बीपी बढ़ गया है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


हाई बीपी का उपचार क्या है (What is the treatment for high BP)

हाई बीपी की समस्या को दूर करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। हम आपको सलाह देते हैं कि अगर आपको हाई बीपी की समस्या है तो बिना डॉक्टर के खुद से DIY करने की कोशिश न करें क्योंकि यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। हाई बीपी के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और सही उपचार कराना चाहिए। 

ध्यान दें कि High Bp Symptoms In Hindi जितनी जल्दी दिखाई दें, उतनी जल्दी डॉक्टर से सही उपचार शुरू करें। इससे समस्या गंभीर नहीं होगी और जल्द से जल्द उपचार किया जा सकेगा। डॉक्टर आपको हाई बीपी लक्षण दूर करने और हाई बीपी का इलाज करने के लिए निम्नलिखित सुझाव और उपचार दे सकते हैं।


1. लाइफस्टाइल में बदलाव करें (Make lifestyle changes)

डॉक्टर सबसे पहले तो आपको कुछ जरुरी लाइफस्टाइल बदलावों को करने का सुझाव देंगे। इसमें वे आपको धूम्रपान और मदिरापान छोड़ने, एक स्वस्थ भोजन करने और रोजाना एक से दो घंटे योग प्राणायाम करने की सलाह देंगे। आप अगर बीपी हाई लक्षण से बचना चाहते हैं यानी पहले से ही दूर रहना चाहते हैं तो ये लाइफस्टाइल बदलाव अभी से अपनाना शुरू कर दीजिए।


2. रोजाना करें योग और व्यायाम (Do yoga and exercise daily)

रोजाना योग और व्यायाम करना भी हाई बीपी के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपको रोजाना सिर्फ एक घंटे यो और एक्सरसाइज करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाएगी। योग में पश्चिमोत्तासन और बालासन सबसे फायदेमंद हैं तो वहीं एक्सरसाइज में चलना, टहलना, साइकिल चलाना, तैराकी और नृत्य करना सबसे फायदेमंद है।


3. कम नमक का सेवन करना (Consume less salt)

अगर आप BP Badhne Ke Lakshan से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज से ही नमक का सेवन कम कर दीजिए। नमक यानि सोडियम हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है और यह हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने सोडियम सेवन को प्रति दिन 2,300 मिलीग्राम (मिलीग्राम) से कम तक सीमित रखें, आदर्श रूप से 1,500 मिलीग्राम या उससे कम तक।


4. तनाव लेना कम करें (Reduce stress)

तनाव हमारी सबसे बड़ी दुश्मन है, आप कोई भी बीमारी उठा कर देख लो, तनाव कहीं न कहीं एक कारण अवश्य होगा। हाई बीपी लक्षण भी तनाव से जुड़े होते हैं इसलिए आपको तनाव कम करना चाहिए। इसके लिए योग, स्ट्रेस मैनेजमेंट और वर्तमान में जीने की कला का अभ्यास आप कर सकते हैं।


5. डॉक्टर द्वारा सुझाई दवाइयां लें (Follow the treatment recommended by your doctor)

अंत में डॉक्टर आपको ऊपर दिए गए सही सलाहों के साथ ही हाई बीपी लक्षण दूर करके यानि हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने के लिए कुछ दवाएं और उपचार सुझा सकते हैं। इसमें शामिल है:

  • ‌Diuretics
  • ‌Angiotensin-converting enzyme (ACE) inhibitors
  • ‌Angiotensin II receptor blockers (ARBs)
  • ‌Calcium channel blockers
  • ‌Beta-blockers

निष्कर्ष (Conclusion)

BP High Symptoms में शामिल है छाती में दर्द, चक्कर आना, चेहरा लाल होना, सांस लेने में दिक्कत, कमज़ोरी, धुंधला दिखना, पेशाब में खून आना, थकान, टेंशन, दिल की धड़कन में गड़बड़ी, सिरदर्द, नाक से खून आना, याददाश्त कमज़ोर होना, नींद न आना आदि। हाई बीपी लक्षणों से बचने के लिए सिर्फ योग्य डॉक्टर से ही उपचार कराएं।

ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाने पर डॉक्टर आपको कम तनाव लेने, रोजाना योग और व्यायाम करने, पर्याप्त नींद लेने, संतुलित और स्वस्थ भोजन का सेवन करने, कम नमक का सेवन करने की सलाह देंगे। साथ ही आपको बीपी हाई लक्षण दूर करने के लिए जरूरी दवाएं भी दी जाएंगी। 


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)


1. हाई बीपी लक्षण क्या हैं?

हाई बीपी लक्षण में शामिल है छाती में दर्द, चक्कर आना, चेहरा लाल होना, सांस लेने में दिक्कत, कमज़ोरी, धुंधला दिखना, पेशाब में खून आना, थकान, टेंशन, दिल की धड़कन में गड़बड़ी, सिरदर्द, नाक से खून आना, याददाश्त कमज़ोर होना, नींद न आना आदि।


2. बीपी हाई क्यों होता है?

हाई बीपी होने के कई कारण होते हैं। इसमें कुछ दवाएं, मदिरापान और धूम्रपान करना, मोटापा या अत्यधिक वजन, अस्वस्थ भोजन का सेवन करना, कम शारीरिक गतिविधि होना शामिल होता है।


3. बीपी बढ़ने पर क्या खाना चाहिए?

बीपी बढ़ने पर आपको ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन पर अधिक ध्यान देना चाहिए जिनमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, और अन्य पोषक तत्व मौजूद हों जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद। साथ ही प्रोटीन युक्त आहार जैसे मीट, मछली, अंडे, दालें खाना भी बीपी की समस्या में फायदेमंद होता है। 


4. तुरंत बीपी कम करने के उपाय क्या हैं?

तुरंत बीपी नहीं कम किया जा सकता, यह एक सच्चाई है। हालांकि अगर आप स्वस्थ और संतुलित भोजन करते हैं, रोजाना व्यायाम और योग करते हैं, नमक खाना कम करते हैं, तनाव कम लेते हैं और साथ ही डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार को ईमानदारी से फॉलो करते हैं तो जल्द से जल्द हाई बीपी कम हो सकता है।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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